स्टॉक मार्केट में निवेश करने वालों के लिए बुरी खबर! भारत की सबसे पॉपुलर ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म Zerodha जल्द ही Equity Delivery Trades पर चार्ज लगा सकती है, जो अब तक फ्री थी। कंपनी के CEO Nithin Kamath ने Zerodha की 15वीं एनिवर्सरी पर एक ब्लॉग पोस्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा किया। Q2 FY2025 में Zerodha का Brokerage Revenue 40% गिर गया है, और इसका कारण हैं रेगुलेटरी चेंजेस। अगर आप Zerodha यूजर हैं या Share Market, Trading Apps और Brokerage News में रुचि रखते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए जरूरी है! आइए, Nithin Kamath की चेतावनी, रेगुलेटरी इश्यूज और Zerodha के फाइनेंशियल हेल्थ की पूरी डिटेल्स डीकोड करते हैं।
Zerodha का जीरो ब्रोकरेज मॉडल खतरे में: क्यों आया यह फैसला?
Zerodha ने सालों तक Equity Delivery Trades पर जीरो ब्रोकरेज पॉलिसी अपनाकर लाखों यूजर्स को आकर्षित किया। लेकिन अब रेगुलेटरी प्रेशर ने कंपनी को बिजनेस मॉडल रीथिंक करने पर मजबूर कर दिया है। Nithin Kamath ने अपने ब्लॉग में लिखा, “पिछला साल बिजनेस के लिए चैलेंजिंग रहा, लेकिन मैं हर बार की तरह गलत साबित हुआ। फिर भी, रेगुलेटरी एक्शन्स – जैसे Securities Transaction Tax (STT) में बढ़ोतरी, Weekly Options Expiries में कमी, Exchange Transaction Charge Rebates हटाना और Basic Services Demat Account (BSDA) लिमिट्स बढ़ाना – हमारे Revenue और Profitability पर भारी असर डाल रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम Pivot करें।”
मुख्य रेगुलेटरी चेंजेस:
- STT on Options: Futures & Options (F&O) पर Securities Transaction Tax बढ़ा, जो Zerodha की मेन रेवेन्यू स्ट्रीम Options Trading को हिट कर रहा है।
- Weekly Options Expiries: रिडक्शन से ट्रेडिंग वॉल्यूम घटा।
- Exchange Rebates हटे: Transaction Charges से रेवेन्यू ड्रॉप।
- BSDA Limits: हायर लिमिट्स से डीमैट अकाउंट्स की कॉस्ट बढ़ी।
Kamath ने साफ कहा, “The Risk Has Crystallised” – यानी रेगुलेटरी रिस्क्स अब हकीकत बन चुके हैं। अगर यही हाल रहा, तो Equity Delivery पर चार्ज लगाना जरूरी हो सकता है।
Zerodha की फाइनेंशियल हेल्थ: ₹13,000 करोड़ नेटवर्थ, जीरो डेट
Revenue में 40% गिरावट के बावजूद, Kamath ने यूजर्स को भरोसा दिलाया कि Zerodha फाइनेंशियली मजबूत है:
- Net Worth: ₹13,000 करोड़।
- Debt: जीरो – कोई कर्ज नहीं।
- Client Funds: 50%+ क्लाइंट फंड्स को Zerodha अपने कैपिटल से हैंडल करता है।
- Ethical Practices: Dark Patterns और Intrusive Data Practices से बचते हुए Transparency और Privacy पर फोकस।
Kamath ने कहा, “हमारा फोकस हमेशा Ethical Product Design और यूजर ट्रस्ट पर रहा है।” लेकिन राइवल्स पहले से ही Delivery Trades पर चार्ज करते हैं, और Zerodha का जीरो ब्रोकरेज मॉडल अब सस्टेनेबल नहीं लग रहा।
Zerodha का 15 साल का सफर: छोटे स्टार्टअप से मार्केट लीडर तक
2010 में Nithin Kamath और उनके भाई Nikhil Kamath ने Zerodha की शुरुआत की थी। जीरो ब्रोकरेज और यूजर-फ्रेंडली प्लेटफॉर्म ने इसे भारत का सबसे बड़ा Retail Brokerage बनाया। आज:
- User Base: 1.3 करोड़+ एक्टिव यूजर्स।
- Market Share: भारत में रिटेल ट्रेडिंग वॉल्यूम का 15%+
- Products: Kite (Trading App), Coin (MF Investment), Varsity (Education)
लेकिन रेगुलेटरी चेंजेस ने Options Trading (Zerodha का प्राइमरी रेवेन्यू सोर्स) को हिट किया है। SEBI के F&O रेगुलेशन्स और ASBA (Applications Supported by Blocked Amount) जैसे रूल्स ने कॉस्ट बढ़ा दी।
निवेशकों के लिए क्या मतलब? Zerodha यूजर्स क्या करें?
- Equity Delivery चार्ज: अगर लागू हुआ, तो Intraday और F&O की तरह Flat Fee (₹20/order) या Percentage-Based चार्ज हो सकता है।
- कॉस्ट इम्पैक्ट: छोटे इन्वेस्टर्स पर ज्यादा असर, क्योंकि जीरो ब्रोकरेज उनकी USP थी।
- Pivot प्लान: Zerodha Wealth Management, Advisory Services या New Products लॉन्च कर सकता है।
- टिप्स: ट्रेडिंग कॉस्ट्स मॉनिटर करें। लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स के लिए SIPs या MFs जैसे ऑप्शन्स चेक करें।
Kamath ने भरोसा दिलाया कि कोई भी नया चार्ज Competitive और Transparent होगा। लेकिन यह खबर Zerodha के लाखों यूजर्स के लिए झटका है।
क्या आप Zerodha पर चार्ज लगने से स्विच करेंगे? या ट्रस्ट बनाए रखेंगे? कमेंट्स में बताएं! लेटेस्ट Share Market News और Brokerage Updates के लिए फॉलो करें।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सूचना के उद्देश्य से है। निवेश या ट्रेडिंग डिसीजन से पहले सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।
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